इस गद्य को ध्यान से पढ़े और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें: |
मानव का अकारण ही मानव के प्रति अनुदार हो उठना न केवल मानवता के लिए लज्जाजनक है, वरन् अनुचित भी है। वस्तुत: यथार्थ मनुष्य वही है जो मानवता का आदर करना जानता है, कर सकता है। केवल इसलिए कि कोई मनुष्य बुद्धिहीन है अथवा दरिद्रय वह घृणा का तो दूर रहा, उपेक्षा का भी पात्र नहीं होना चाहिए। मानव तो इसलिए सम्मान के योग्य है कि मानव है, भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना है। |
प्रश्न- उपर्युक्त गद्यांश का सारांश होगा |
A) मानव ईश्वर की अनुपम कृति है। उसे दंडता पूर्वक बुद्धिहीन और गरीबों का सम्मान और सहायता करना चाहिए तथा किसी से घृणा नहीं करनी चाहिए।
B) मानव ईश्वर की अनुपम कृति है। उसे अनुदारता पूर्वक बुद्धिहीन और गरीबों का सम्मान और सहायता करना चाहिए तथा किसी से घृणा नहीं करना चाहिए।
C) मानव ईश्वर की अनुपम कृति है। उसे उदारता पूर्वक बुद्धिहीन और गरीबों का सम्मान और सहायता करना चाहिए तथा किसी से घृणा नहीं करनी चाहिए।
D) मानव ईश्वर की अनुपम कृति है। उसे उदारतापूर्वक बुद्धिहीन और अमीरों का सम्मान और सहायता करना चाहिए तथा किसी से घृणा नहीं करना चाहिए।
Correct Answer: C
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