MP State Exams General Studies MPPSC Preliminary (C-SAT) Solved Papers 2015 Shift-II

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    निर्देश: प्रश्न संख्या 86 से 90 के उत्तर निम्नलिखित अवतरण के आधार पर दीजिए। प्रश्नों के उत्तर केवल दिए गए गद्यांश पर ही आधारित होने चाहिए।
    देश की उन्नति के लिए गाँधीजी ने ग्रामोन्नति को सर्वोपरि माना है। भारतीय ग्राम, भारत की प्राचीन सभ्यता व संस्कृति के प्रतीत हैं। ग्राम ही भारतवर्ष की आत्मा है और सम्पूर्ण भारत उनका शरीरA शरीर की उन्नति आत्मा की स्वस्थ स्थिति पर निर्भर है । आत्मा के स्वस्थ होने पर ही सम्पूर्ण शरीर में नवचेतना व नवशक्ति का संचार होता है। आज भी भारत की साठ प्रतिशत जनसंख्या गाँवों में ही बसती है। गाँधीजी कहा करते थे-‘ 'भारत का हृदय गाँवों में बसता है । गाँवों की उन्नति से ही भारत की उन्नति हो सकती है। गाँवों में ही सेवा और परिश्रम के अवतार किसान बसते हैं । 'अतः भारत की उन्नति नगरों की उन्नति पर नहीं, अपितु गाँवों की उन्नति पर निर्भर करती है। अतः ग्रामोन्नति का कार्य देशोन्नति का कार्य है। महाकवि सुमित्रानंदन पंत ने 'भारतमाता ग्रामवासिनी' नामक कविता में ठीक ही कहा है कि भारतवर्ष का वास्तविक स्वरूप गाँवों में है।
    किसानों को क्या बताया गया हैं?
     

    A) उन्न्ति का प्रतीक

    B) आलसियों का अवतार

    C) सेवा और परिश्रम का अवतार     

    D) उपर्युक्त मे से कोई नहीं

    Correct Answer:


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