निर्देश-दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश-2 |
कालक्रम की दष्टि से 'कला जीवन के लिए का सिद्धांत बहुत ही पुराना है। साहित्य सृजन के शुरूआती दौर से ही कला को नैतिक उद्देश्यपूर्ति का साधन बनाया गया है। कला को जीवनोपयोगी मानने संबंधी धारण का प्राधान्य सबसे अधिक पश्चिम में रहा है। जबकि यह धारण आदिकालीन एवं देशातीत है। पश्चिम में कला का आरंभिक स्वरूप उपदेषात्मक रहा, जिसका कारण यह है कि पश्चिम की शास्त्रीय कला धर्म के संरक्षण में पनपी और विकसित हुई। शुद्ध कलावादी दष्टि का इस युग में प्रायः अभाव ही रहा। धर्म से प्रेरित कला-साहित्य का उपदेशात्मक होना स्वाभाविक ही है। |
पश्चिम की शास्त्रीय कला किसके संरक्षण में विकसित हुई? |
A) धर्म के संरक्षण में
B) राजनीति के संरक्षण में
C) मानव के संरक्षण में
D) संतो के संरक्षण में
Correct Answer:
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