निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। |
गद्यांश - 3 |
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का पाँचवा अधिवेशन 1889 में मुंबई में आयोजित हुआ था। खचाखच भरे हॉल में देशभर के नेता एकत्र हुए थे। एक सुंदर युवती अधिवेशन को संबोधित करने के लिए उठी। हॉल में लाउडस्पीकर न थे। पीछे बैठे हुए लोग उस युवती की आवाज नहीं सुन पा रहे थे। वे आगे की ओर बढ़ने लगे। यह देखकर युवती ने कहा, भाइयों मुझे क्षमा कीजिए। मेरी आवाज आप तक नहीं पहुंच पा रही है। लेकिन इस पर मुझे आश्चर्य नहीं है। क्या आपने शताब्दियों तक कभी किसी महिला की आवाज सुनने की कोशिश की? क्या आपने उसे इतनी शक्ति प्रदान की कि वह अपनी आवाज को आप तक पहुँचने योग्य बना सके? प्रतिनिधियों के पास इन प्रश्नों के उत्तर न थे। इस साहसी युवती को अभी और बहुत कुछ कहना था। उनका नाम पंडिता रमाबाई था। उनके प्रयास से 1889 के उस अधिवेशन में 9 महिला प्रतिनिधि सम्मिलित हुई थी। वे एक मूक प्रतिनिधि नहीं बन सकती थीं। विधवाओं को सिर मुंड़वाए जाने की प्रथा के विरोध में रखे गए प्रस्ताव पर उन्होंने एक जोरदार भाषण दिया। इस तरह उन्होंने नारी-मुक्ति आंदोलन की नींव रखी। |
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का पाँचवाँ अधिवेशन कब आयोजित हुआ? |
A) 1989
B) 1881
C) 1889
D) 1883
Correct Answer: C
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