निर्देश:- दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। गद्यांश - 2 पुराणानुसार शृंगी ऋषि के शाप के कारण तक्षक नाग ने राजा परीक्षित को डसा था, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। इससे क्रुद्ध होकर प्रतिशोध की भावना से उसके पुत्र जनमेजय ने सर्पयज्ञ किया। मंत्राहूत होकर सर्प यज्ञकुण्ड में आ-आकर गिरने लगे। इसी बीच वासुकि की बहन नाग कन्या, जरत्कात का पुत्र आस्तीक आकर जनमेजय और उसके यज्ञ अनुष्ठान की छलपूर्वक प्रशंसा करने लगा उससे प्रसन्न होकर जनमेजय ने उससे वर माँगने को कहा। ऋत्विजों ने राजा को वर देने से मना किया। तक्षक मंत्राहूत होकर मण्डप के पास आ ही गया था कि तभी आस्तीक ने वर मांगा कि यज्ञ बन्द कर दिया जाए। वचन बद्ध होकर जनमेजय को यज्ञ बंद कर देना पड़ा और जनमेजय को इसका पश्चाताप बना रहा कि वह अपने पिता की मृत्यु का बदला न ले सका। वास्तविक शत्रु तक्षक बच ही गया। |
A) गर्ग
B) भारद्वाज
C) वशिष्ठ
D) श्रृंगी
Correct Answer: D
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