A) श्रमण
B) परिव्राजक
C) अग्रहारिक
D) मागध
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - मागध |
व्याख्या - प्राचीन और मध्यकाल में भारत के राजाओं के दरबार में कुछ व्यक्ति होते थे जो राजा की वीरगाथा का गान किया करते थे, जिन्हें मागध कहा जाता था। |
टिप्पणी - |
श्रमण- श्रमण जैन और बौद्ध परम्परा के संन्यासियों को श्रमण कहा जाता था। |
परिव्राजक- परिव्राजक संन्यासियों को कहते थे। |
अग्रहारिक- ये वे ब्राह्मण थे, जिनको राजा के द्वारा अग्रहार अर्थात् लगान मुक्त ग्राम दान किया जाता था। |
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