पूर्व मध्यकालीन भारत के सांस्कृतिक इतिहास के सन्दर्भ में निम्न कथनों पर विचार कीजिए - |
1. तमिल क्षेत्र के सिद्ध (सित्तर) एकेश्वरवादी थे तथा मूर्ति पूजा की निंदा करते थे। |
2. कन्नड़ क्षेत्र के लिंगायत पुर्नजन्म के सिद्धान्त पर प्रश्न चिन्ह लगाते थे तथा जाति अधिक्रम को अस्वीकार करते थे। |
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/है? |
A) केवल 1
B) केवल 2
C) 1 और 2 दोनों
D) न तो 1 न ही 2
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - 1 और 2 दोनों व्याख्या - दक्षिण भारत के सिद्ध एकेश्वरवादी थे। वे मुख्यतः शिव के उपासक थे। परन्तु वे शिवलिंग की उपासना के विरोधी थे। कन्नड़ क्षेत्र के सिद्ध लिंगायत शाखा के जनक बासवान के इस सिद्धांत को मानते थे कि पुनर्जन्म नहीं होता है और जातिप्रथा के भी विरोधी थे। लिंगायत मत भारतवर्ष के प्राचीनतम सनातन हिन्दू धर्म का एक हिस्सा है। इस मत के ज्यादातर अनुयायी दक्षिण भारत में हैं। यह मत भगवान शिव की स्तुति आराधना पर आधारित है।You need to login to perform this action.
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