A) यूरिया एवं फॉर्मेल्डिहाइड
B) फिनॉल तथा फॉर्मेल्डिहाइड
C) फिनॉल तथा ऐसीटैल्डिहाइड
D) मेलामिन एवं फॉर्मेल्डिहाइड
E) उपरोक्त में से कोर्इ नहीं/उपरोक्त में से एक से अधिक
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर- फिनॉल तथा फॉर्मेल्डिहाइड |
व्याख्या- फीनॉल (\[{{C}_{6}}{{H}_{5}}OH\])-फॉर्मेल्डिहाइड (HCHO) रेजिन - |
(i) बेकेलाइट (Bakelite)- फॉर्मेल्डिहाइड की अधिक मात्रा को फीनॉल के साथ क्षारीय उत्प्रेरक की उपस्थिति में गर्म करने पर एक तिर्यकबद्ध बहुलक या रेजिन का निर्माण होता है, बैकलाइट को सर्वप्रथम बनाने वाले वैज्ञानिक एल. एच. बेकेलैण्ड के नाम पर बेकेलाइट कहते हैं। |
गुण- बेकेलाइट एक तिर्यकबंध ताप-ढ़ (Crosslinked thermosetting) बहुलक है। इसको गर्म करके एक बार इसका आकार परिवर्तित किया जा सकता है। |
उपयोग- कठोर बेकेलाइट (अधिक बहुलीकरण से प्राप्त) का उपयोग विद्युत के सामान, विद्युत स्विच, कंघे, फाउण्टेन पेन, फॉर्मिका टेबिल टॉप, बैरेल, ग्रामोफोन रेकॉर्ड आदि बनाने में होता है। कोमल बैकलाइट (कम बहुलीकरण से प्राप्त) का उपयोग लकड़ी. जोड़ने के लिए गोंद बनाने में, वार्निश बनाने में होता है। |
(ii) नोवोलक (Novalac)- फॉर्मेल्डिहाइड को थोड़े से अधिक फीनॉल के साथ अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में गर्म करते हैं, तो ऑथोर्ं और पैराँहाइड्रॉक्सी बेंजिल ऐल्कोहॉल का निर्माण होता हैं। ऑथोर्ं बेंजिल ऐल्कोहॉल के अणु संघनित होने रेखीय बहुलक बनते हैं, जिसे नोवोलक कहते हैं। |
उपयोग- टायर टैक्टिफायर, उच्च तापमान राल, कार्बन बंधित अपवर्तक के लिए बांधने की मशीन, कार्बन ब्रेक, एपॉक्सी रेजिन के लिए एक ट्रीटमेंट एजेंट के रूप में किया जाता है। |
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