A) पॉलिटेट्राफ्लुरो एथिलीन
B) पॉलिविनाइल क्लोराइड
C) पॉलिविनाइल फ्लुओराइड
D) डार्इक्लोरो डार्इफ्लुओरो मिथेन
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर- पॉलिटेट्राफ्लुरो एथिलीन |
व्याख्या- पॉलिटेट्राफ्लुरो एथिलीन (Polytetrafluoro- ethylene PTFE) या टेफ्लॉन- यह टेट्राफ्लुओरोएथिलीन (एकलक) का बहुलक है। इसका निर्माण टेट्राफ्लुओरोएथिलीन को अमोनियम परऑक्सोसल्फेट की उपस्थिति में गर्म होता है। |
\[\underset{{\scriptscriptstyle 1\!/\!{ }_4}VsV{}^\text{a}k\P yqjks ,fFkyhu{\scriptscriptstyle 1\!/\!{ }_2}Vs\P ykWu }{\mathop{nC{{F}_{2}}=C{{F}_{2}}\xrightarrow{{{(N{{H}_{4}})}_{2}}{{S}_{2}}{{O}_{8}}xeZnkc}(-C{{F}_{2}}-C{{F}_{2}}-)n}}\,\] |
गुण- यह बहुत कठोर पदार्थ है। ऊष्मा का प्रतिरोधी के साथ साथ यह रासायनिक रूप से निष्क्रिय होता है। इसका गलनांक 330\[^{o}C\] है। इस पर सान्द्र नाइट्रिक अम्ल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल, ऐक्वारेजिया, सान्द्र सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन आदि का उच्च ताप पर भी कोर्इ प्रभाव नहीं होता है। |
उपयोग- टेफ्लॉन का उपयोग ऊष्मा व रासायनिक पदाथोर्ं के प्रतिस्थापी वस्तुएं (जैसे- गैस्केट) बनाने में, सान्द्र अम्लों और दाहक द्रवों के भरने की केन निर्माण में होता है। टेफ्लॉन द्वारा बर्तनों की कोटिंग (Coating) करके, उन्हें अचिपचिपा (Non-Sticky) बनाने में तथा विद्युतरोधी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। |
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