A) नील हरित शैवाल-जैव उर्वरक
B) क्रायोसोपा-माहो नियंत्रण
C) बायो 902-सरसों का क्लोन
D) एजोटोबैक्टर-जैव कीटनाशी
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - एजोटोबैक्टर-जैव कीटनाशी |
व्याख्या - एजोटोबैक्टर एक जीवाणु है। यह पौधों को नाइट्रोजन उपलब्धता कराता है, क्योंकि यह मृदा में स्वतंत्र रूप से रहकर असहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है। यह जीवाणु लम्बे व अंडाकार आकृति के होते है। इसका उपयोग मुख्यत: धान एवं गेंहूं की फसलों में किया जाता है। एजोटोबैक्टर का प्रयोग मिट्टी के उपचार, रोपार्इ एवं बीजों के उपचार के लिए किया जाता है। जौ, अंगूर, लीची, पपीता, तरबूज, बाजरा, सरसों, जूट ज्वार, केला, खरबूजा, एवं सब्जियां-टमाटर, प्याज, भिन्डी, आलू, गोभी, मिर्च इत्यादि को एजोटोबैक्टर से लाभ मिलता है। |
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