A) समान अपराध के लिए न्यायालय द्वारा दंडित व्यक्ति को उसके विभाग द्वारा दंडित नहीं किया जा सकता है
B) समान अपराध के लिए विभाग द्वारा दंडित व्यक्ति को न्यायालय द्वारा दंडित नहीं किया जा सकता है
C) समान अपराध के लिए एक बार से अधिक दंडित नहीं किया जा सकता है
D) दीवानी मुकदमे के साथ उसी समय उस पर फौजदारी मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - समान अपराध के लिए एक बार से अधिक दंडित नहीं किया जा सकता है व्याख्या - संविधान के अनुच्छेद-20 के अंतर्गत अपराधों के लिए दोष सिद्धी के संबंध में संरक्षण प्राप्त है अर्थात् किसी व्यक्ति को समान अपराध के लिए एक बार से अधिक दण्डित नहीं किया जा सकता है।You need to login to perform this action.
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