A) उच्च पारगम्यता
B) निम्न पारगम्यता
C) शून्य पारगम्यता
D) अंनत पारगम्यता
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - शून्य पारगम्यता |
व्याख्या - पारे की प्रतिरोधकता 4.2 K ताप पर एकाएक शून्य हो जाती है। ऐसे पदार्थों के इस गुण को अतिचालकता कहते हैं। निम्न ताप पर पदार्थ अतिचालक बन जाता है। और वह ताप जिस पर पदार्थ की प्रतिरोधकता अचानक शून्य हो जाती है, संक्रमण ताप कहा जाता है। शून्य प्रतिरोधकता किसी पदार्थ की अतिचालकता अवस्था का लक्षण है। पारगम्यता किसी पदार्थ का वह गुण है, जो उस पदार्थ में चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित किए जाने में उस पदार्थ द्वारा प्रदर्शित सहायता बताता है। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec