जलवायु एवं जलवायु प्रदेश
विश्लेषणात्मक अवधारणा
जलवायु किसी स्थान की लम्बे समय की औसत मौसमिक दशाओं के योग को कहते हैं। जलवायु में एक विस्तृत क्षेत्र में दीर्घकाल की वायुमण्डलीय अवस्थाओं का विवरण होता है। अत: मौसम की तुलना में जलवायु शब्द का अर्थ व्यापक होता है। जलवायु परिवर्तन तेज गति से हो रहा है। औद्योगिक क्रांति के बाद पृथ्वी का औसत तापमान 1.1 डिग्री बढ़ चुका है जिसका लोगों के जीवन पर व्यापक असर हुआ है और अगर मौजूदा स्थिति इसी तरह से जारी रहे तो इस सदी के अंत तक वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी 3.4 से 3.8 डिग्री सेल्सियस तक हो सकती है। मोंकहाऊस (Monkhouse) के अनुसार, ‘‘जलवायु वस्तुत: किसी स्थान विशेष की दीर्घकालीन मौसमी दशाओं के विवरण को प्रदर्शित करती है।’’
- जलवायु किसी स्थान विशेष के मौसम की औसत दशा को कहते हैं।
- जलवायु में एक विस्तृत क्षेत्र में दीर्घकाल की वायुमण्डलीय अवस्थाओं का विवरण होता है।
- कोपेन ने जलवायु वर्गीकरण को प्रस्तुत करने के लिए वनस्पति प्रदेशों को आधार माना था।
- कोपेन ने विश्व को मुख्यत: पांच जलवायु प्रदेशों-उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र जलवायु, शुष्क जलवायु, उष्ण-शीतोष्ण आर्द्र जलवायु, शीत-शीतोष्ण जलवायु व ध्रुवीय जलवायु प्रदेशों में बांटा था।
- उष्ण शीतोष्ण आर्द्र जलवायु को वर्ष पर्यन्त वर्षा (Cf), ग्रीष्मकाल में अत्यधिक वर्षा (Cw) तथा शीतकाल में अधिक वर्षा (Cs) के रूप में बांटा गया है। शुष्क जलवायु को मुख्यत: दो भागों-स्टेपी प्रदेश (Bs), मरुस्थलीय प्रदेश (Bw) में बांटा गया है।
- ध्रुवीय जलवायु का विभाजन टुण्डा व टैगा क्षेत्रों के रूप में किया जाता है।
- उपध्रुवीय क्षेत्रों में कोणधारी वनस्पति पायी जाती है।
- ध्रुवीय क्षेत्रों में प्रतिकूल जलवायु दशाओं के कारण जनसंख्या का प्राय: अभाव देखने को मिलता है।
- उष्ण कटिबन्धीय मानसूनी वर्षा (AM) को मानसूनी जलवायु भी कहते हैं। यहां पर वर्षा की अधिकता होने के कारण वन भी अधिक मिलते हैं।
- समस्त विश्व के बिगड़ते हुए पर्यावरण संतुलन एवं प्रदूषण के कारण पृथ्वी के तापमान में जो निरन्तर वृद्धि हो रही है, ऐसी स्थिति ही भूमण्डलीय ऊष्मन कहलाती है।
- तापमान में वृद्धि के कारण जलवायु में बहुत बड़े परिवर्तन होंगे। वर्तमान में मौसम में देखी जा रही विसंगतियां इसी वृद्धि का परिणाम हैं।
- पृथ्वी के औसत तापमान में वृद्धि हो रही है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सन् 2050 तक पृथ्वी का तापमान 5 से 4.5 सेल्सियस तक बढ़ जायेगा।